आर्बिट्रेज एक ट्रेडिंग रणनीति है जिसमें प्राइज़ के फर्क से मुनाफा कमाने के लिए अलग-अलग एक्सचेंज पर संपत्तियों की एक साथ खरीद और बिक्री होती है । रिस्क फ्री ट्रेड में रुचि रखने वाले ट्रेडर शॉर्ट टर्म प्रॉफिट बुक करने के लिए मार्केट की कमियों का फायदा उठा सकते हैं । आइए इस रणनीति को बेहतर समझते हैं ।
आर्बिट्रेज ट्रेडिंग कैसे काम करती है ?
आर्बिट्रेज ट्रेडर की अलग-अलग स्टॉक एक्सचेंज में संपत्ति लिस्टिड कीमतों में अंतर को अपनी ओर करने की क्षमता पर निर्भर करता है । हालांकि कीमतों में अंतर शॉर्टटर्म है, यानी कुछ मिनट या सेकंड के लिए । आर्बिट्रेज (ट्रेडर) आर्बिट्रेज ट्रेडिंग के मौकों की पहचान करने और अपनी ट्रेडिंग को पूरा करने के लिए खास सॉफ्टवेयर प्रोग्राम का इस्तेमाल करते हैं ।
आर्बिट्रेज के लिए आवश्यक शर्तें क्या हैं ?
भारत में आर्बिट्रेज ट्रेडिंग करने के लिए यहां दो ज़रूरी शर्तें हैं :
एसिट प्राइज़ मिसमैच
आर्बिट्रेज होने के लिए एक ही संपत्ति को अलग-अलग मार्केट में अलग-अलग कीमतों पर ट्रेड करना चाहिए ।
सब लेन-देन एकसाथ
ट्रेडर को एक साथ कईं बाजारों में संपत्ति की खरीद और बिक्री करनी चाहिए । आर्बिट्रेज विंडो बहुत कम टाइम के लिए खुली होती है, इसलिए जितनी जल्दी लेन-देन किया जाता है, मुनाफा कमाने की संभावना उतनी ही ज़्यादा होती है ।
आर्बिट्रेज रिस्क से बचने वाले ट्रेडर के लिए स्टॉक एक्सचेंज पर मुनाफावसूली करने का एक अच्छा मौका है। हालांकि, लेन-देन की लागत और ट्रेड को एक्जिक्यूट करने के लिए मौजूद विंडो कुछ ऐसी चुनौतियाँ हैं जिन्हें ट्रेडर को आर्बिट्रेज चुनने से पहले समझने की ज़रूरत है ।